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रहस्यमाई चश्मा भाग - 63





मर्मत नत्थू सिंद्धान्त से वार्ता विफल होने के बाद सीधे नत्थू से मिलने गया और वार्ता विफल होने की सूचना दी नत्थू ने कहा कि चार दिसम्बर को मंगलम चौधरीं के मिलो के सभी मजदूर मिलो के सामने एकत्र होकर हड़ताल अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे मर्मत ने नत्थू को बताया कि सम्भव है मिल मालिकों की तरफ से मिल के बंद करने का आदेश हो जाये तब मिल मजदूरों की रोजी रोटी का क्या होगा नत्थू ने मर्मत को बताया कि चार दिसम्बर कि तारीख हमने इसलियें चुनी है कि उसी दिन सुयश का जन्म हुआ था,,,,



और वही मनहुश दिन होगा जब मंगलम चौधरीं की बर्बादी का आखिरी दिन होगा हमे मजदूरों के हित अहित से ना तो पहले कोई लेना देना था ना ही बाद में हम तो यशोवर्धन के अंतिम सम्बंध को नेस्तनाबूद करना चाहते है मिल बन्द करे चौधरीं साहब कोई फर्क नही पड़ता हम तो सारी मिलो को खाक में मिलाने के लिए मजदूरों के जज्बात का इस्तेमाल करेंगे और खून खराबे का ऐसा नगा नाच होगा कि आने वाली नस्ले याद करेंगी मर्मत ने बोला तब तो सम्भव है,,,,,


सिंद्धान्त बॉबू भी मजदूरों के जज्बे के आग के शिकार हो जाये नत्थू गुस्से से आपा खोते हुये बोला सवाल ही नही उठता क्योकि मजदूरों को हिदायत दी गयी होगी कि सिंद्धान्त को कोई नुकसान ना पहुंचे मर्मत ने लोहा गर्म देखते चोट किया उस्ताद सिंद्धान्त से आपको क्या लगाव है जब मिलो मजदूरों चौधरीं से नफरत है क्या लगता है कहावत है दुश्मन का दोस्त दुश्मन होता है तब बेकाबू नत्थू कि जुबान से निकल ही गया कि सिंद्धान्त हमारा अपना खून है मर्मत ने कहा उस्ताद क्या कह रहे है,,,,,



 नत्थू ने कहा अब बहुत सवाल करने कि जरूरत नही है जो तुम्हे कहा गया है वही करो ।सिंद्धान्त ने नकुल शाह विक्रांत सिंह लेखराज तिवारी एव मंशा राम को बुलाया और वार्ता विफल होने के बाबत जानकारियां दी और मर्मत कि धमकियों को भी बताया और मजदूरों कि अगली योजना कि जानकारी हासिल करने की हिदायत दी ।मंशा राम लेखराज तिवारी विक्रांत एव नकुल शाहू अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए पूरी मुस्तैदी से जुट गए ।लगभग एक सप्ताह बाद चारो एक साथ आये और मजदूरों में हो रही चर्चा का विस्तार से वर्णन किया चार दिसम्बर की तिथि बताई और अपशगुन कि सम्भावना सिंद्धान्त ने सभी जानकारियां एकत्र कि और पुनः मंगलम चौधरीं से मिलने के लिए निकलने ही वाला था कि नत्थू आ धमका और बोला कि सिंद्धान्त बाबू आप चार दिसम्बर को किसी भी मिल के मजदूरों के सामने मत जाना सिंद्धान्त बोला क्यो नत्थू ने कहा मजदूर बहुत जिद्दी वर्ग है,,,,,,


कही मरने मारने पर आमादा हो गया तो मिल की तरफ से पुलिस को सूचित किया जाएगा वह भी कुछ कर पायेगी सम्भावना नही है क्योकि हज़ारों या सैकड़ो मजदूरों के लिए कुछ पुलिस वाले क्या कर सकते है सिंद्धान्त बोला आपको मेरी इतनी क्यो चिंता है नत्थू ने कहा मैंने शराब के नशे में जो कुछ कहा था सही है तुम मेरे खून मेरी औलाद हो दूसरे दिन आकर मैंने नशे में बोलने के लिए जो गलती मानी थी वह सिर्फ इसलिए कि कही तुम्हे मेरी बातें बहुत बुरी न लग गयी हो सिंद्धान्त ने बहुत सज्जनता से पुत्रवत नत्थू के पैर छुए और गले लगाया और बोला आखिर अपना खून अपना ही होता है और खून कभी अच्छा या बुरा या गंदा नही होता सिर्फ खून होता है,,,,,,



जिसकी आवाज हृदय को झकझोर देती है वर्षो के वियोग को भुला देती है आप हमारे पिता है हम स्वीकार करते है और समय आने पर समाज के सामने भी स्वीकार करेंगे नत्थू को लगा कि जैसे उसकी वर्षो की मुराद मिल गयी वह बोला बेटे फिर तुम्हे क्या चिंता चौधरीं की मीले रहे या न रहे सिंद्धान्त बोला आप विल्कुल चिंता मत करे हम चौधरीं साहब से मिलकर आते ही स्थिति स्प्ष्ट कर देंगे अब मुझे जाने की इज़ाज़द एव आशीर्वाद दोनों दीजिये नत्थू बहुत पढा लिखा नही था उसने सिंद्धान्त से कहा जुग जुग जिओ और मेरे मकशद कि औलाद बनो सिद्धांत मंगलम चौधरीं से मिलने निकला चौधरीं साहब भी उसका बड़ी बेसब्री से तभी से इंतजार कर रहे थे,,,,,



 जबसे उसने जग्गू इमिरीतिया रघु महादेव कर्दब को चौधरीं साहब के पास चोरी छिपे अपने पत्र के साथ भिजवाया था जिसकी भनक तक नही थी नत्थू को मंगलम चौधरीं ने सिंद्धान्त को देखते ही स्वंय खड़े होकर गले लगाया और बहुत हल्के अंदाज़ में बोले बधाई हो तुम्हे जन्म देने वाला पिता मिल गया हमने तो सिर्फ ईश्वर के आदेश से तुम्हारा लालन पालन किया है असली हक तो नत्थू जिसको मैं जनता तक नही उनका है तुम पर सिंद्धान्त को देवता जैसे चौधरीं की बात अच्छी भी लगी और नागवार भी चौधरीं साहब ने सिंद्धान्त कि मनःस्थिति को भांपते हुए बोले क्यो सिंद्धान्त तुम्हे हमारी बात अच्छी नही लगी हमे जग्गू इमिरीतिया रघु कर्दब महादेव ने सच्चाई बता दी है जिन्हें तुम्ही ने भेजा है,,,,,,


जन्म दाता बुरा नही सिर्फ अच्छा होता है और अच्छा ही होता है रावण को गलत जातने हुये भी मेघनाथ ने अपने अंतिम साँसों तक पिता के साथ खड़ा रहा तुम्हे भी वही करना चाहिए सिंद्धान्त बोला बाबूजी हम अपने जन्मदाता पिता के विषय मे कभी भी आपसे आशीर्वाद लेकर आगे बढ़ सकते है इस समय जो स्थिति है उस पर आपके निर्देश की आवश्यकता है और मजदूरों द्वारा निर्धारित चार दिसम्बर कि तिथि अनिश्चित कालीन हड़ताल और मजदूरों कि उग्रता की अवश्य संभावना पर चर्चा किया मंगलम चौधरीं ने कहा ठीक है एक दो दिन बाद डॉ रणदीप झा के अस्पताल का पुनर्निर्माण के बाद उद्घाटन है उसके बाद हम विधिवत कार्ययोजना पर वार्ताकरेंगे एव निर्णय लेंगे क्या करना है क्या नही करना है।



डॉ रणदीप झा ने अस्पताल के उद्घटन की विधिवत तैयारियां कर रखी थी स्थानीय विशेष व्यक्तियों से लेकर राज्यस्तरीय एव राष्ट्रीय स्तर के लगभग सभी गणमान्य लोंगों को आमंत्रण भेजा गया था विषेष कर मैथिल लोंगो को एव मिथिलांचल के लोंगो को शहर के गली मोहल्लों में दरभंगा एव आस पास के राज्यो में सबसे आधुनिक अस्पताल का दरभंगा में होना मिथिलांचल के लिए गौरव की बात थी जिसका श्रेय डॉ रणदीप झा को तो जाता ही जाता था मंगलम चौधरीं का सहयोग अति महत्वपूर्ण था अतः सभी लोंगो को डॉ रणदीप के अस्पताल का बेसब्री से इंतजार था दरभंगा कि सड़के डॉ रणदीप अस्पताल के पोस्टरों से पटी हुई थी सभी स्थानीय समाचार पत्रों में दरभंगा में आधुनिकतम उपलब्ध सुविधाओं से युक्त अस्पताल के खूब चर्चे थे,,,,




जारी है







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2 Comments

KALPANA SINHA

05-Sep-2023 12:13 PM

Amazing

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Varsha_Upadhyay

04-Sep-2023 09:33 PM

V nice

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